Tuesday, December 17, 2019

अभी नेट पर थोड़ा देख रहा था। अमरीका, दक्षिण अफ्रीका में भी बहुत अधिक संख्या में रेप होते हैं। अमरीका में तो नामी गरामी यूनिवर्सिटी जैसे हार्वर्ड इत्यादि में जो पुराने आल्फा बीटा गामा नाम के जो क्लब होते हैं जहां बड़े पैसे वाले परिवार कर बच्चों को ही अधिकतर लिया जाता है, वहां रेप होना आम बात होती है।

रेप से अधिक जघन्य अपराध शायद ही ओर कोई हो। इसकी जितनी भर्त्सना की जाय कम है। पर मेरी एक मुश्किल है। भारत मे अगर रेप होता है तो मीडिया उसे ऐसे प्रस्तुत करता है जैसे हमारे लोग, हमारा समाज (जो अब थोड़ा बहुत दूर दराज के गांवों में बचा हो तो हो। बाकी समाज तो सिर्फ कहने की बात है, बचा नहीं) सड़ा हुआ है। जैसे की रेप भारतीय समाज मे व्याप्त हो। यहां का रेप एक social evil एक सामाजिक बुराई और अमरीका का रेप एक individual का crime। यह दोगलापन या दिवालियापन - इसे क्या कहा जाय? इस रोग से हम पढ़े लिखे, मीडिया की देखा देखी सभी ग्रस्त हो गए हैं। रेप को condemn कीजिये। करना ही चाहिए। लड़को को लड़कियों के प्रति संवेदनशील बनाइये। उन्हें तहजीब सिखाइये, मर्यादाएं सिखाइये। पर यहां के रेप को social evil बना कर इस रोग को एक प्रकार की स्वीकृति दे रहे है और यहां का मनोबल जो पहले से ही कुचला हुआ है वह और धरातल में पहुंच जाएगा।

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