Tuesday, December 17, 2019

गैर सेक्युलरिस्ट, गैर लिबरल, गैर rss सुर गैर मुलिम लीगियों के, और दलगत राजनैतिक नेताओं को दूर रखकर हिन्दू और मुसलमानों को साथ बैठ कर एक दूसरे का दर्द, दुख और गुस्सा समझने का प्रयास होना चाहिए। इसके प्रयास होने मुनासिब हैं। एक सिलसिला चले। गंभीरता से यह सिलसिला अगर चलाया जय तो साल भर में परिणाम, अच्छे परिणाम आने शुरू हो जाएंगे।

लल्लो चप्पो से दूर, साफ साफ बाते हों, एक दूसरे को समझने की कोशिश हो। सहमति या असहमति बाद की बात है। पहले एक दूसरे को समझा तो जाय।

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