गहलोत साहब ने राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश के सामने अभी अभी जोधपुर में, साफ साफ कह दिया कि राजनैतिक दलों का काम काले धन से चलता है। उनका ज़ोर भले ही इस सरकार द्वारा चलाये गये बांड की तरफ हो पर यह बात भी उन्होंने साफ तरह रखी की आज की राजनीति बिना दो नम्बर के पैसे के सम्भव नहीं।
अब इस बात को कौन आगे बढ़ाएगा? हमाम में तो सब नंगे हैं। गहलोत साहब भी होंगे। यह मामला नया नहीं है। और बेचारी जनता -जिसके लिए यह सारा प्रपंच चल रहा है, वह सब जानती है। पर करे क्या? नेतागण, उनके चेले चपाटी, कार्यकर्ता भी जानते हैं। नेता (कुछ 5 -10% जो अच्छे लोग होंगे) से लेकर सामान्य आदमी तक , सब लाचार है। क्या ऐसे ही चलता रहेगी यह व्यवस्था?
समय आ गया है कि हम दलगत राजनीति से हट कर अपने संवाद और चर्चा का विषय व्यवस्था को बनायें। धैर्य के साथ। तो शायद कुछ वर्षों में एक उजाले की झलक मिले
अब इस बात को कौन आगे बढ़ाएगा? हमाम में तो सब नंगे हैं। गहलोत साहब भी होंगे। यह मामला नया नहीं है। और बेचारी जनता -जिसके लिए यह सारा प्रपंच चल रहा है, वह सब जानती है। पर करे क्या? नेतागण, उनके चेले चपाटी, कार्यकर्ता भी जानते हैं। नेता (कुछ 5 -10% जो अच्छे लोग होंगे) से लेकर सामान्य आदमी तक , सब लाचार है। क्या ऐसे ही चलता रहेगी यह व्यवस्था?
समय आ गया है कि हम दलगत राजनीति से हट कर अपने संवाद और चर्चा का विषय व्यवस्था को बनायें। धैर्य के साथ। तो शायद कुछ वर्षों में एक उजाले की झलक मिले
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