Sunday, January 26, 2020

मुसलमानों को 70/75 वर्षों से कांग्रेस ने बेवकूफ बना कर उनके वोट अपनी झोली में किये। बाद में यह खेल, जनता दल की सरकार के बाद, अन्य दल भी समझ गए और खेलने लगे। इन दलों ने कांग्रेस से भ्रष्टाचार और अपने बेटे-बेटियों को राजनीति में आगे बढ़ाने, dynastic politics, दल बदलू राजनीति, इत्यादि इत्यादि हथकंडे भी सीखे। कम्युनिस्ट को धीरे धीरे यह समझ आ गया कि इस देश में वे सत्ता में तो आ नहीं सकते पर पीछे के दरवाजे से वे सत्ता पर काबिज हो सकते है। इसमें उन्होंने कांग्रेस का और कांग्रेस ने उनका, दोनों ने एक दूसरे का उपयोग किया। संस्थाओं, सरकारी, यूनिवर्सिटी इत्यादि पर कॉम्युनिस्टों का कब्जा हो गया या होने दिया गया। यही कॉम्युनिस्ट जो जनता के बीच की राजनीति करने में नाकाबिल रहे ngo में भी घुसे।

पहले 60 और 70 के दशक में इन्हें रूस की शह मिली और रूस के पतन के बाद यही तबका अमरीका द्वारा पोषित होने लगा। इसका एक फायदा और इन्हें मिला। अब ये अपने life style भी उच्च वर्ग जैसी जी सकते थे। अमरीका की छत्र छाया में अब इन्हें वह नाटक करने की भी ज़रूरत नही रही। पूरी अय्याशी और सिद्धांत और गरीबों की बात अब एक साथ होनी संभव हो गई।

कांग्रेस ने जो देश पिछले 70/75 वर्षों में बनाया वह अनजाने में ही सही मोदी की सरकार आने के बाद, उसे चुनौति मिलने लगी। मोदी जी को इसकी कोई साफ समझो, ऐसा नही लगता पर क्योंकि वे एक अलग वर्ग से आते है इसलिए सम्भव है कि एक तर्क से परे की intuitive समझ हो। दूसरीबात यह कीमोदी और भाजपा की राजनीति कांग्रेस की राजनीति की प्रतिक्रिया में है। इसे मुसलमानों को समझने की ज़रूरत है।

नही समझेंगे तो क्रिया-प्रतिक्रिया का खेल चलते रहेगा। कुछ लोग हाय हाय करते रहेंगे और कुछ अच्छी अच्छी बातें।

जनवरी 26, 2020

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